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Showing posts from October, 2020

Official Lyrics जय महाकाली, माँ काली Jai Mahakali Maakali Song by Maddy Puneet, Swati Sharma, Rhyming Vibes, Arrow Soundz 2022 Song

Jai Mahakali Maakali CREDITS ♪ Singer - Maddy Puneet | Swati Sharma ♪ Lyrics - Dr.Prashant Bhatt (Rhyming Vibes) ♪ Music by - Maddy Puneet ♪ Mix & Mastered by - Arrow Soundz ♪ Composed By- Maddy Puneet ♪ Audio Production - Puneet Academy Of Music ♪ Video - ArtistJaisa Special Thanks: Dr. Jagdish Prasad Semwal Official Lyrics   जय   काली .....  महाकाली शवारूढ़ाम् - महाभीमाम् - घोरदंष्ट् राम   हसन्मुखीम्।   चतुर्भुजांग - खड़गमुण्ड - वराभयकरा म्   शिवाम्।। मुण्डमालाधराम् - देवीम्   ललज्जिह् वाम् - दिगंबराम्।   एवम्   संचिंतयेत् - कालीं   श्मशाना लय - वासिनीम्।। जय   महाकाली .....  माँ   काली   जय   महाकाली .....  माँ   काली   एक   हाथ   में   कपाल   एक   में   खड़ग   विशाल   नेत्र   रक्त   से   भरे   केश   मेघ   से   घिरे    क्रोध   से   सना   हुआ   प्रचंड   वेग   नृत्य   का भुजा   सहस्त्र   मात   की   हरें   असंख्य   पातकी   जय   महाकाली .....  माँ   काली   जय   महाकाली .....  माँ   काली   ओम्   ऐं   ह्रीं   क़्लीं   चामुण्डाए   विच्चे ओम्   ऐं   ह्रीं   क़्लीं   चामुण्डाए   विच्चे

Hindi poem: अभी तो मैं इक बच्चा हूँ * Lets give our children some space...

अगर बच्चे देश का भविष्य हैं, तो हम बच्चों का वर्तमान हैं। अपना भविष्य संवारने की चेष्टा में उनका वर्तमान नीरस करना कदाचित हमारे लिए उचित नहीं है।  बचपन हम सब के जीवन का स्वर्णिम पड़ाव रहा है, हमारी सबसे अनमोल यादें और क्षण बाल अवस्था के उन उल्लासपूर्ण दिनों से जुड़े हुए हैं।   बच्चों को संस्कार और शिक्षा प्रदान करना हमारा उत्तरदायित्व है, और देश एवं मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें योग्य बनाना हमारा कर्तव्य है। परंतु उस प्रयास में कही हम अनजाने में उनके वो सुनहरे अनमोल पल उनसे छीन तो नहीं रहे? इसी विचार पर मंथन करने हेतु प्रस्तुत है आज कि कविता... अभी तो मैं इक बच्चा हूँ... मैं आगे बढ़ता जाऊँगा, चट्टानों को काट काट. मैं अपनी राह बनाऊँगा। ना रोक सकेगा कोई मुझको, इरादों का मैं पक्का हूँ। पर आज खेलने दो मुझको, अभी तो मैं इक बच्चा हूँ मैं पर्यावरण बचाऊँगा, जल बचाके, पेड़ लगाके, यह धरती स्वर्ग बनाऊँगा। सन्देह ना करना जोश पे मेरे, मैं उम्मीदों का गुलदस्ता हूँ। पर आज खेलने दो मुझको, अभी तो मैं इक बच्चा हूँ। मैं जग से क़दम मिलाऊँगा, मानवता का ध्वज लहराके, अमन संदेश फैलाऊँगा। मत झूठ समझना