Jai Mahakali Maakali CREDITS ♪ Singer - Maddy Puneet | Swati Sharma ♪ Lyrics - Dr.Prashant Bhatt (Rhyming Vibes) ♪ Music by - Maddy Puneet ♪ Mix & Mastered by - Arrow Soundz ♪ Composed By- Maddy Puneet ♪ Audio Production - Puneet Academy Of Music ♪ Video - ArtistJaisa Special Thanks: Dr. Jagdish Prasad Semwal Official Lyrics जय काली ..... महाकाली शवारूढ़ाम् - महाभीमाम् - घोरदंष्ट् राम हसन्मुखीम्। चतुर्भुजांग - खड़गमुण्ड - वराभयकरा म् शिवाम्।। मुण्डमालाधराम् - देवीम् ललज्जिह् वाम् - दिगंबराम्। एवम् संचिंतयेत् - कालीं श्मशाना लय - वासिनीम्।। जय महाकाली ..... माँ काली जय महाकाली ..... माँ काली एक हाथ में कपाल एक में खड़ग विशाल नेत्र रक्त से भरे केश मेघ से घिरे क्रोध से सना हुआ प्रचंड वेग नृत्य का भु...
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लोकतन्त्र का सबसे बड़ा त्योहार निश्चित चुनाव ही है। अगर क़ानून अंधा होता है तो लोकतन्त्र बहरा होता है, लोगों की आवाज़ उसे सुनाई नहीं देती। परन्तु यह कोई अपवाद नहीं है, क्योंकि लोकतन्त्र को जनमत जानने के लिए लोगों की आवाज़ की ज़रूरत नहीं होती। हर व्यक्ति का मत्त (Vote) ही उसकी आवाज़ होती है।
हम अक्सर सोचते हैं कि हमारे मत्त का कोई महत्व नहीं, क्योंकि जो मुद्दे चुनाव में उठाए जा रहे हैं वो हास्यास्पद हैं जिनका जन-कल्याण और राष्ट्र निर्माण से कोई सम्बंध नहीं। लेकिन हमें यह जानना ज़रूरी है की चुनाव में सदैव वो मुद्दे उठेंगे जिसके बल पर वोट मिल सकें। यदि हमें प्रगतिशील मुद्दे चाहिए तो हमें देश के मत्तदाता आधार को सशक्त करना होगा I और वह तभी सम्भव होगा जब अधिक से अधिक लोग वोट करेंगे, ताकि राजनेता मूल मुद्दों को नज़रंदाज ना कर सकें।
इसी तर्क पर आधारित है यह कविता, इस अपेक्षा से की अधिक से अधिक लोग मत्तदान करें और देश की उन्नत्ति में योगदान करें।
मैं वोट डालने जाऊँगा
चुनाव चरम पर आ पहुँचा,
सियासी दंगल गर्माया हैI
राजनीति की रणभूमि में,
फिर शंखनाद गरजाया हैI
सत्ता के इस द्वन्द युध में,
किसको मोहर लगाऊँगा?
पाँच वर्ष तक कुंठित होने,
क्यों वोट डालने जाऊँगा?!
शासन क्रम के स्वयंबर में,
परीक्षण है सत्ता के मद काI
तोषण की इस राजनीति में,
क्या वज़ूद है मेरे मत्त का!
मुद्दा ना हो राष्ट्र निर्माण तो,
क्या मत्त-आधार बनाऊँगा?
धर्म, कलह और द्वेष तले,
क्यों वोट डालने जाऊँगा?!
यद्यपि रोष और व्याकुलता,
स्वाभाविक है अपवाद नहींI
किन्तु राष्ट्र उत्थान के हित में,
आलोचन ही समाधान नहींI
क्षुद्र नीतियों को ठुकराकर,
अपना कर्त्तव्य निभाऊँगाI
देश के हित में स्व-विवेक,
मैं वोट डालने जाऊँगाI
लोकतंत्र के सिद्धांतों में,
श्रेष्ठ मूल्य है बहुमत काI
ग़र मत्तदान करूँ ना मैं फिर,
अधिकार नहीं आलोचन काI
अपने मत्त की ताक़त से,
आवाज़ बुलन्द उठाऊँगाI
मुद्दा: 'जनहित और विकास',
मैं वोट डालने जाऊँगा।
- डॉ प्रशांत भट्ट
राजनीति की रणभूमि में,
फिर शंखनाद गरजाया हैI
सत्ता के इस द्वन्द युध में,
किसको मोहर लगाऊँगा?
पाँच वर्ष तक कुंठित होने,
क्यों वोट डालने जाऊँगा?!
शासन क्रम के स्वयंबर में,
परीक्षण है सत्ता के मद काI
तोषण की इस राजनीति में,
क्या वज़ूद है मेरे मत्त का!
मुद्दा ना हो राष्ट्र निर्माण तो,
क्या मत्त-आधार बनाऊँगा?
धर्म, कलह और द्वेष तले,
क्यों वोट डालने जाऊँगा?!
यद्यपि रोष और व्याकुलता,
स्वाभाविक है अपवाद नहींI
किन्तु राष्ट्र उत्थान के हित में,
आलोचन ही समाधान नहींI
क्षुद्र नीतियों को ठुकराकर,
अपना कर्त्तव्य निभाऊँगाI
देश के हित में स्व-विवेक,
मैं वोट डालने जाऊँगाI
लोकतंत्र के सिद्धांतों में,
श्रेष्ठ मूल्य है बहुमत काI
ग़र मत्तदान करूँ ना मैं फिर,
अधिकार नहीं आलोचन काI
अपने मत्त की ताक़त से,
आवाज़ बुलन्द उठाऊँगाI
मुद्दा: 'जनहित और विकास',
मैं वोट डालने जाऊँगा।
- डॉ प्रशांत भट्ट
तो दोस्तों, घर बैठ कर आलोचना करना सरल है I यद्यपि इसमें कोई बुराई भी नहीं है, बस याद रहे, अगर मैं वोट न करूँ तो मुझे शायद आलोचना का भी कोई अधिकार नहीं। सीधी सी बात है, जो वोट करेगा, उसी की बात नेता सुनेगा। आशा है हमारा मत्तदाता हर चुनाव के साथ और सशक्त हो I तो आइए, वोट करें........
जय हिन्द !
Here is the video of this poem, posted by our partner youtube channel kidslounge...
Credits:
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Image by Peggy und Macro Lachmann-Anke from Pixabay |
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Image by OpenClipart-Vectors from Pixabay |
bahut bardia :-)
ReplyDeleteDhanyawad!!!
DeleteBeautifully composed PB . Very inspiring. Main bhi vote daalne jaaunga
ReplyDelete:-) Great! Thanks for checking it out and for the nice words.
Deleteआपने बहुत ही सरल शब्दों में अपनी बात को एक स्वरूप दिया और हमें अपने कर्तव्य(वोट डालने) की महत्ता को बताया, बहुत बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद्। आपके प्रोत्साहन भरे शब्द मेरे लिए बहुत मूल्यवान हैं।
DeleteVery well penned PB.
ReplyDeleteThanks for checking it out and for the words of appreciation.
DeleteBahut sunder ham bhi Apne vivek se Vote dalenge 👌👌👌👌👌 आपकी सुन्दर रचना से मन खुश हो गया है 👌👌👌
ReplyDeleteBlog pe aane aur is kavita ko apna samay dene ke liye dhanyawad.
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